Poonam Pandey Passed Away: पूनम पण्डे जो की एक महशूर एक्ट्रेस और मॉडल है उनका आज निधन हो चूका है। सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की वजह से उनकी मौत हो गई है। शुक्रवार सुबह उनकी टीम ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट करके अपने फैंस को इसकी जानकारी दी है । अपनी फिटनेस और खूबसूरती की वजह से जाननेवाली Poonam Pandey दुनिया से निकल गई ये बात काफी हैरान कर देनेवाली है। पूनम की टीम ने उनको fans को उनकी मौत का कारण बता दिया की सर्वाइकल कैंसर है।
Poonam Pandeyहमेशा अपनी तस्वीरों और वीडियो से सोशल मीडिया पर छाई रहती थीं। उनके पास सोशल मीडिया पर काफी फैंस हैं। पूनम बहुत सोशल मीडिया एक्टिव रहती थीं। पूनम को हर तरह से पसंद करने वाले लोग दीवाने थे। Poonam Pandeyजुड़ी कोई भी खबर जल्दी फैल जाती है। Poonam Pandey हमेशा लोगों के सामने हंसमुख दिखती थीं, उन्होंने अपनी जीवन में कई संघर्षों का सामना किया था। उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए बहुत संघर्ष किया था।
कंगना के शो में कंटेस्टटेंट बनकर आयी थी। इस शो में Poonam Pandey अपने लाइफ कई राज खोले थे। Poonam Pandeyये भी कहा था की उनकी शादी ही गई थी और वो डोमेस्टिक वोइलेंस का शिकार बन चुकी थी।
Poonam Pandey Debut Bollywood Career – पूनम पांडे ने फिल्म में कब डेब्यू किया?
पूनम का जन्म ११ मार्च १९९१ में कानपूर हुआ था। उन्होंने अपनी करियर की शुरआत मॉडलिंग से की थी। कैलेंडर गर्ल्स जो पिक्चर 2011 में आयी थी वहासे उनको पहचान मिल गई। कई फैशन मैगजीन के कवर पेज पे वो नजर आ चुकी थी। पूनम ने 2013 में नशा में से अपना बॉलीवुड डेब्यूट किया था। लेकिन वो सबसे ज्यादा कॉनट्रेवेर्सी के लिए जनि जाती थी। पूनम अपने बोल्डनेस अदांज के लिए महशूर थी।
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समय पर पता चलने से इलाज संभव
फर्स्ट स्टेज में कैंसर का पता चलने पर 90 प्रतिशत मरीजों को बचाया जा सकता है। वहीं, अगर बीमारी स्टेज 2 में पता चले तो 80 प्रतिशत संभावना रहती है कि इस बीमारी से बचाया जा सकता है। समय-समय पर स्क्रीनिंग करने की सलाह देते हैं।क्रायोथेरेपी, लूप इलेक्ट्रोसर्जिकल एक्सिशन प्रक्रिया (LEEP) और कोल्ड कोगुलेशन सहित अन्य प्रक्रियाएं कैंसर को इलाज करने के दौरान प्रयोग की जा सकती हैं। अगर बीमारी अंतिम चरण में पहुंच गई है तो मरीज को बचाना बहुत मुश्किल है। जैसे-जैसे यह कैंसर बढ़ता जाता है, यह शरीर के अन्य भागों को भी घेरता है।
क्या है सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर यूटरस के निचले हिस्से, या सर्विक्स की लाइनिंग को प्रभावित करता है। स्तंभ कोशिकाएं और स्क्वैमस या फ्लैट कोशिकाएं सर्विक्स की लाइन में होती हैं। स्क्वेमो-कॉलमर जंक्शन गर्भाशय ग्रीवा के क्षेत्र में होता है जहां एक सेल दूसरे प्रकार की सेल में बदल जाती है। कैंसर का विकास इस क्षेत्र में सबसे अधिक होता है। गर्भाशय-ग्रीवा का कैंसर धीरे-धीरे विकसित होता है और अंततः पूर्ण विकसित हो जाता है।
आंकड़े बताते हैं कि गर्भाशय-ग्रीवा या सर्वाइकल कैंसर, 15 से 44 वर्ष की आयु की भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत का दूसरा सबसे आम कारण है। इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है अगर इलाज समय पर शुरू हो जाए। आपकी जानकारी के लिए, वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि 9-14 साल की लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन मुफ्त में दी जाएगी। उन्हें इस बीमारी से बचाने के लिए भारत में सर्वाइकल कैंसर का वैक्सीन जल्द ही उपलब्ध होगा।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण क्या है?
सर्वाइकल कैंसर को अक्सर साइलेंट किलर कहा जाता है। जब तक यह अंतिम स्टेज पर नहीं पहुंच जाता, इसके लक्षण शरीर पर नहीं दिखाई देते। जब तक मरीज को बीमारी होती है, उसे बचाना मुश्किल होता है। इसलिए डॉक्टर हमेशा महिलाओं को इसकी जांच कराने को कहते हैं। डॉक्टर ने कहा कि समय-समय पर जांच करवाने से इस बीमारी से बचाई जा सकती है।
टॉयलेट जाते समय दर्द
पीरियड्स के दौरान गर्म हवा
पैर सूजन
टॉयलेट में खून आना
भारत में लगभग 67,500 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के लगभग 1,22,000 नए मामले सामने आए हैं। सर्वाइकल कैंसर ही कैंसर से संबंधित कुल मौतों का 11.1 प्रतिशत है। स्थिति और भी खराब हो जाती है क्योंकि देश में केवल 3.1 प्रतिशत महिलाओं की इस हालत की जांच हो पाती है, जिससे बाकी महिलाएं खतरे में हैं।